कालीबंगा सभ्यता – Kalibanga Sabhyata Pdf

Kalibanga Sabhyata

कालीबंगा सभ्यता – Kalibanga Sabhyata of Rajasthan

कालीबंगा सभ्यता (Kalibanga Sabhyata), विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है | यह सभ्यता राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में घग्घर नदी के किनारे पर स्थित है | यह राजस्थान की एक प्रमुख सभ्यता है, जिसकी खोज 1952ई. में अमलानंद घोष द्वारा की गयी थी |

कालीबंगा सभ्यता को कांस्ययुगीन सभ्यता / नगरीय सभ्यता / आद्य ऐतिहासिक सभ्यता / पश्च हड़प्पाकालीन / प्राक हड़प्पाकालीन सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है |

कालीबंगा सभ्यता – एक नज़र में :-

स्थान – हनुमानगढ़ (राज.), घग्घर नदी के किनारे
शाब्दिक अर्थ – काली चूड़ियाँ
अस्तित्व समय – 2400 ई. पू. हड़प्पाकालीन सभ्यता
खोजकर्ता – अमलानंद घोष, 1952 ई. में
उत्खनन कर्ता – ब्रजबासी लाल व बालकृष्ण थापर द्वारा 1961-62 ईस्वी में

Important Points

>> यह सभ्यता दुर्गीकृत और अदुर्गीकृत दो भागों में फैली थी |
>> कालीबंगा, सिंधु सभ्यता की तीसरी राजधानी मानी जाती है |

कालीबंगा सभ्यता के अवशेष:- (Kalibanga Sabhyata के प्रमाण)


राजस्थान में कालीबंगा सभ्यता के निम्नलिखित अवशेष पाए जाते हैं-
1) विश्व में सर्वप्रथम भूकंप के साक्ष्य यही मिले |
२) जुते हुए खेत |
३) लकड़ी की नाली, कच्ची ईंटो के मकान मिले |
४) शल्य चिकित्सा ( Medical Surgery ) के साक्ष्य, कपालछेदन क्रिया के अवशेष
५) सात हवन कुंड
६) महिला कुमारी देवी का सिक्का, जिससे मातृसत्ता व्यवस्था के बारे में जानकारी मिलती है |
७) कालीबंगा सभ्यता में मिश्रित फसल की जाती थी, जैसे जौ, गेंहू, सरसों, चावल आदि फसलों के साक्ष्य मिले हैं |
८) यहाँ पर शतरंज व चौसर खेल की गोटियां, ताम्बे के मणिये, मिट्टी की चूड़ियां तथा पत्थर के बांट ( वजन मापने के लिए ) भी प्राप्त हुए हैं |
९) यहाँ अंडाकार कब्र मिली है, जिसे चिरायु कब्र नाम दिया गया है |
10) इस सभ्यता के खेत ग्रिड प्रणाली पर आधारित थे |
11) इस सभ्यता की लिपि चित्रात्मक थी, दांये से बांये (Right तो Left) की ओर लिखी जाती थी |
१२) संस्कृत साहित्य में कालीबंगा सभ्यता के क्षेत्र को बहुधान्य दायक क्षेत्र कहा गया है |
१३) यहाँ के घरों में अंडाकार कुँए मिले हैं |
१४) यहाँ कपास के कपड़ों के प्रमाण, ऊंट व कुबड़ वाले साँड़ के भी प्रमाण मिले हैं |
१५) अग्नि वेदिकाओं से हड्डियाँ भी मिली है, जिससे यह पता चलता है कि यहाँ के लोग हवन में मांस का उपयोग भी करते थे |
१६) यहाँ के घरों पर वास्तुदोष को दूर करने के स्वास्तिक के चिन्ह के प्रयोग के भी प्रमाण मिले हैं |
१७) कालीबंगा सभ्यता के घरों के फर्श ईंटो से बनाये गए थे, जिनका आकार 4:2:1 (लम्बाई : चौड़ाई : ऊंचाई) में था |
18) मेसोपोटामिया देश की मुद्रा (Currency) भी मिली है, जिससे विदेशी व्यापार के बारे में अनुमान लगाया जा सकता है |
19) इस सभ्यता से तंदूर के समान चूल्हे, खदिया मिटटी (सेलखड़ी) से बानी मुद्राएँ भी प्राप्त हुई है |

कालीबंगा सभ्यता की अंडाकार कब्र
कालीबंगा सभ्यता की अंडाकार कब्र

कालीबंगा के नष्ट होने के कारण:-

कालीबंगा सभ्यता के नष्ट या समाप्त होने के अलग – अलग पुरातत्व विज्ञानियों द्वारा अपने सिंद्धांत या नष्ट होने के अनुमान लगाएं गए हैं | उनमे से कुछ प्रमुख व्यक्तियों के विचार निम्नलिखित प्रकार से हैं –

K. R. U. कैनेडी द्वारा-

>> इनके अनुसार कालीबंगा का पतन संक्रामक रोग की वजह से हुआ है |

अमलानंद घोष द्वारा-

>> अमलानंद घोष ने बताया कि यह सभ्यता जलवायु परिवर्तन की वजह से समाप्त हुई है |

डेल्स द्वारा-

>> डेल्स के अनुसार इस सभ्यता का पतन नदियों के मार्ग में परिवर्तन के कारण हुआ है |

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निष्कर्ष (Conclusion):-

यहाँ हमने देखा कि कालीबंगा सभ्यता विश्व की सबसे प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है | यहाँ Kalibangan Civilization के खोज में प्राप्त हुए सभी साक्ष्य या प्रमाणों के बारे में भी बताया गया है | यह जानकारी अनेक सरकारी नौकरियों के पेपर के लिहाज से बहुत ही महत्वपूर्ण है | अगर आप ऐसी ही जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो हमारे Newsletter को जरूर सब्सक्राइब करें |

Kalibangan Civilization FAQ’s

Q. कालीबंगा सभ्यता की खोज कब हुई?

Ans. कालीबंगा सभ्यता की खोज 1952 ई. में राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में घग्घर नदी के किनारे हुई |

Q. कालीबंगा सभ्यता किस नदी के किनारे स्थित थी?

Ans. यह सभ्यता सरस्वती नदी ( वर्तमान घग्घर नदी ) के किनारे स्थित थी |

Q. कालीबंगा के उत्खननकर्ता कौन थे?

Ans. ब्रजबासी लाल व बालकृष्ण थापर द्वारा 1961-62 ईस्वी में कालीबंगा का उत्खनन किया गया |

Q. कालीबंगा को और किन-किन नामों से जाना जाता है?

Ans. इस सभ्यता को कांस्ययुगीन सभ्यता / नगरीय सभ्यता / आद्य ऐतिहासिक सभ्यता / पश्च हड़प्पाकालीन / प्राक हड़प्पाकालीन सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है |

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